Sunhare Pal

Sunday, April 3, 2011



लुक छिप लुक छिप खेली


मेरे संग ओ मेरी साथिन


ओ मेरी सहेली


अब तुम बड़ी हो गई हो


काव्य मधुरिमा


और उषा की चहेती हो गई हो


सलौने शब्दों में गूंथी


मनको की माला सी हो गई हो


कुहके अम्बुए की डाल


मेरे लिए तुम अब पहेली हो गई हो


खिले सुमन सी


अब तुम बासन्ती पल हो गई हो


विचरे रीते मेघ


रूई के फाहे सी धवल हो गई हो


पवन हिंडोले संग


डोलती माझी की नैया हो गई हो


अब तुम बड़ी हो गई हो


विमला भंडारी