tag:blogger.com,1999:blog-3053983717868581848.post9128836479071280434..comments2023-10-10T06:54:09.413-07:00Comments on कहानी-कविता: Dr. Vimla Bhandarihttp://www.blogger.com/profile/09885525368161588474noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3053983717868581848.post-42648801519083229452009-09-27T05:35:05.853-07:002009-09-27T05:35:05.853-07:00bahut hi sundar ,marmik rachna...dil me halchal ma...bahut hi sundar ,marmik rachna...dil me halchal macha gaya..rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3053983717868581848.post-31574171048142463082009-09-24T22:59:43.083-07:002009-09-24T22:59:43.083-07:00आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन ए...आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं। आप मेरे ब्लॉग पर आये और एक उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दिया…. शुक्रिया. <br />आशा है आप इसी तरह सदैव स्नेह बनाएं रखेगें….Dr. Vimla Bhandarihttps://www.blogger.com/profile/09885525368161588474noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3053983717868581848.post-83895285364383204512009-09-23T16:11:27.002-07:002009-09-23T16:11:27.002-07:00विमलाजी आप बहुत भाग्यशाली हैं ,माँजी के प्राण आपकी...विमलाजी आप बहुत भाग्यशाली हैं ,माँजी के प्राण आपकी गोदी में निकले. आपने उनकी बहुत सेवा की ,अतः उनकी बिगड़ती तबीयत को देखकर आपकी मनोस्थिति का बदल जाना किसी प्रकार का अपराध-बोध नहीं हैं .मुझे वे दिन याद हैं ,जब पिताजी की तबीयत इतनी बिगड़ गयी थी ,कि डॉक्टरो ने जवाब दे दिया था . वह अहमदाबाद की वाडीलाल हॉस्पिटल में भर्ती थे. उनकी असहनीय अवस्था देखकर माँ ईश्वर से प्राथना करने लगती थी कि हे ईश्वर ! दिनेश कुमार मालीhttps://www.blogger.com/profile/14281453196523014918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3053983717868581848.post-56361729656360748482009-09-22T05:41:27.001-07:002009-09-22T05:41:27.001-07:00सुन्दर मार्मिक कथा, इंसान बेबस है उस अंतिम सत्य के...सुन्दर मार्मिक कथा, इंसान बेबस है उस अंतिम सत्य के सामने,पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com