Saturday, May 8, 2010
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साहित्य जगत में विमला भंडारी एक जाना-पहचाना नाम हैं . हिन्दी और राजस्थानी दोनों भाषाओँ में अपने सक्षम लेखन-कार्य के लिए जाने-पहचाने इस व्यक्तित्व की कहानियों में नारीत्व का अहसास , सूक्ष्म निरीक्षण शक्ति, गहरा जीवनबोध तथा कलात्मक परिधियों को ऊंचाई तक पहुंचा पाने का अनूठा कौशल कहानीकार की हर रचना को अविस्मरणीय बना जाता है. उनकी चंद चुनी हुई कहानियां हिंदी पाठकों के लिए पहुंचाने हेतु यह ब्लॉग अगर पाठकों को पसंद आये तो श्रम सार्थक हुआ.
6 comments:
विचारणीय प्रस्तुती /
hardik shubhkamnayein
बहुत सुंदर
मातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम |
JAI - JANANI
Maa tuje Salaam....
संसार की समस्त माताओं को नमन
Maa n kabhi akeli thi or n kabhi hogi.bal avstha me bccho ka man komal v maa k liye nadan hote hai parntu bade hone ke sath hi unke vicharo me duriya hone k sath hi paristhitiyo me bdlav aa jate hai.Maa ko bchho ka salam,naman prnam ho.Maa hmesha aadarniy rhi hai ur rahegi unka ashirwad bacho ko hamesha milta rahe yahi dua rab se hamari rahegi.
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